राउरकेला: स्मार्ट सिटी राउरकेला में सैकड़ों एकड़ रेलवे की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर बस्ती बना ली है। इससे रेलवे को अपनी ही जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन बस्तियों को बचाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के आगे आने रेलवे का मकसद अभी तक पूरा नही हो पाया है। ्र स्मार्ट सिटी में राजगांगपुर, कलुंगा, वेदव्यास, पानपोष, एसटीआई, बासंती कॉलोनी, कुम्हारपाड़ा, मालगोदाम, लाल बिल्डिग गली, डेली मार्केट, पुराना रेलवे स्टेशन चौक, राउरकेला स्टेशन, रेलवे कॉलोनी, मधुसूदनपाली, गोपोबंधुपाली, रहमतनगर, फटा पाईप अंचल, कोयला गेट, तिलका नगर, बंडामुंडा, बंडामुंडा डीजल कॉलोनी, ए, बी, सी और ई कॉलोनी, कुकुड़ा गेट, संतोषपुर, बिसरा जरई केला आदि जगहों में रेलवे की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर घर बनाने के साथ बस्तियां बसा ली हैं।
हालांकि रेलवे की जमीन का लेखा-जोखा विभाग के पास है लेकिन अकेले आरपीएफ के बूते अतिक्रमित जमीन को खाली कराना संभव नहीं लगता। आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि उक्त कार्य के लिए आइओडब्ल्यू विभाग की ओर से उनको रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर घर और बस्ती बसाए जाने की सूचना देने के साथ विभागीय अधिकारी की उपस्थिति जरुरी है। जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग के बिना यह कार्य असंभव है। राउरकेला आरपीएफ के एक अधिकारी की माने तो रेल संपति की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल बनाया गया है। लेकिन रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर चुके और वर्तमान समय में कर रहे लोगों को अकेले उनका विभाग कुछ नही कर सकता है। आरपीएफ केवल रेलवे के अधिकारियों की सुरक्षा और रेल संपत्ति की सुरक्षा के लिए है। इस कार्य के लिए जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर घर बनाता है तो बगैर आइओडब्ल्यू विभाग की लिखित सूचना के वे कुछ नही कर सकते है।
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